SSC परीक्षा 2025: सिस्टम फेल है, लेकिन कब तक हम चुप रहेंगे?
लेखक: एक परेशान प्रतियोगी छात्र की कलम से
मैं ये ब्लॉग सिर्फ एक खबर की तरह नहीं लिख रहा हूं...
ये उस गुस्से, बेबसी, और थकान की आवाज़ है जो आज लाखों SSC और प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्रों के दिल में है।
2025 का साल भी आया और चला जाएगा। लेकिन जो वक़्त, मेहनत और उम्मीद हमने इन परीक्षाओं में झोंक दी — वो क्या वापस आएगी?
📍 दिल्ली की सड़कों पर नारे नहीं, टूटा हुआ भरोसा गूंज रहा है
SSC परीक्षा 2025 में जो हुआ, वो अचानक नहीं हुआ। ये तो कई सालों से चल रही लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है। इस बार छात्रों का सब्र टूट गया।
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परीक्षा के एक दिन पहले रद्दीकरण
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सर्वर क्रैश, कुछ को पेपर दिखा, कुछ को नहीं
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पेपर लीक की खबरें, फिर खामोश जांच
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और सबसे ज़्यादा ग़ुस्सा इस बात पर कि जिनकी गलती है — Eduquity Technologies — वो फिर से ठेका लेकर मजे में बैठी है!
आप ही सोचिए — एक कंपनी जिस पर पहले भी पेपर लीक, गड़बड़ी, तकनीकी फेल जैसी घटनाओं का लंबा इतिहास है, उसे बार-बार क्यों ज़िम्मेदारी दी जा रही है?
💡 सवाल सिर्फ SSC का नहीं है… ये सिस्टम ही सड़ चुका है
NEET हो, UPSC हो, या कोई भी सरकारी भर्ती परीक्षा — हर साल कोई न कोई घोटाला सामने आता है।
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NEET में टॉपर कैसे बिना बायोलॉजी के टॉप कर जाते हैं?
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UPSC RTI में OMR शीट तक नहीं देता — क्यों?
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राज्य परीक्षाएं सालों तक कोर्ट में उलझी रहती हैं।
क्या आप समझ पा रहे हो कि एक पूरी पीढ़ी का समय और भरोसा दोनों बर्बाद हो रहे हैं?
🧓 माँ-बाप का सपना, बेटों का संघर्ष — सब मज़ाक बन गया है
मेरे जैसे लाखों छात्र हैं जिनके परिवार ने खेत गिरवी रखकर, लोन लेकर, शहर भेजकर पढ़ाया। सालों कोचिंग ली, रात-रात भर जागे, और फिर —
"परीक्षा रद्द कर दी गई है, अगली सूचना तक प्रतीक्षा करें।"
भाई... परीक्षा की तैयारी तो कर लेते हैं, लेकिन इस सिस्टम की तैयारी कैसे करें?
📜 Public Examinations Act 2024: बस दिखावे की कहानी
2024 में सरकार ने एक कानून बनाया — बोले अब पेपर लीक नहीं होगा, सख्त सजा होगी। लेकिन आज तक:
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कोई बड़ी कंपनी ब्लैकलिस्ट नहीं हुई
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कोई अधिकारी सस्पेंड नहीं हुआ
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RTI का जवाब तक नहीं दिया जाता
तो फिर ये कागज़ी कानून किसके लिए?
🤝 अब वक़्त है चुप्पी तोड़ने का — सिर्फ छात्रों की नहीं, पूरे समाज की ज़िम्मेदारी है
ये सिर्फ छात्रों का मुद्दा नहीं है।
अगर आप पैरेंट हैं, तो सोचिए — आपका बच्चा भी कल इसी सिस्टम से गुज़रेगा।
अगर आप शिक्षक हैं, तो क्या ये व्यवस्था आपके पढ़ाए छात्रों के साथ न्याय कर रही है?
अगर आप कंटेंट क्रिएटर या यूट्यूबर हैं, तो क्या सिर्फ एंटरटेनमेंट ही हमारा रोल है?
हमें एक सामूहिक चेतना की ज़रूरत है।
हमें अपने अधिकार की आवाज़ को ट्रेंड बनाना होगा।
हमें मिलकर कहना होगा — बस बहुत हुआ!
✅ तो समाधान क्या है?
सिर्फ शिकायत नहीं, हमें मांगें भी स्पष्ट करनी होंगी:
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Eduquity जैसी कंपनियों को तुरंत हटाओ
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TCS जैसी पारदर्शी और अनुभवी एजेंसी को दोबारा लाओ
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RTI में OMR शीट, कटऑफ, उत्तर कुंजी देना अनिवार्य हो
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पेपर लीक पर सिर्फ जांच नहीं — गिरफ्तारी और ब्लैकलिस्टिंग हो
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छात्रों से संवाद करने के लिए एक हेल्पलाइन और पारदर्शी grievance सिस्टम बनाया जाए
🧭 आखिर में…
मैं ये ब्लॉग सिर्फ आक्रोश में नहीं लिख रहा हूं।
मैं चाहता हूं कि आप इसे पढ़कर सोचें, साझा करें, और जुड़ें।
कोई नेता नहीं आएगा आपकी परीक्षा पास कराने।
कोई सिस्टम खुद से सुधरने नहीं वाला।
पर हां, आप बदल सकते हैं। हम बदल सकते हैं। अगर एकजुट हुए तो।
अब वक्त आ गया है कि हम मिलकर बोले:
👉 “हमारा भविष्य तुमसे नहीं डरता — जवाब चाहिए, अब!”
✍️ लेखक:
एक प्रतियोगी छात्र |
पढ़ाई कर रहा हूं, लेकिन लड़ाई भी लड़ रहा हूं |
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